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Punjab: पंजाब सरकार को हाईकोर्ट से राहत, 1158 सहायक प्रोफेसरों की भर्ती को मिली हरी झंडी

Punjab: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को एक बड़ी राहत देते हुए 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा जारी उस आदेश को रद्द कर दिया गया है, जिसके तहत 2021 में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था।

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हाईकोर्ट का निर्णय

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश ठाकुर और न्यायमूर्ति सुदीप्ती शर्मा की डिविजन बेंच ने पंजाब सरकार और चयनित उम्मीदवारों की अपील स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। यह आदेश 2021 से चल रहे एक विवाद का परिणाम है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई समस्याएं उत्पन्न हुई थीं।

भर्ती का वर्तमान परिदृश्य

इस मामले में, एकल पीठ द्वारा भर्ती रद्द करने से पहले, सरकार ने 609 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए थे। लेकिन इनमें से केवल 135 उम्मीदवारों को ही पदस्थापना मिली थी और वे वेतन प्राप्त कर रहे थे। डिविजन बेंच ने स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए आदेश जारी किया था, जिसके कारण केवल 135 लोग काम कर रहे थे, जबकि 484 उम्मीदवारों को पदस्थापना का इंतज़ार था।

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पंजाब सरकार ने अदालत से कहा कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसलिए, शेष आवेदकों को स्टेशनों का आवंटन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने सरकार और इन आवेदकों की अपील को स्वीकार करते हुए एकल पीठ के निर्णय को रद्द कर दिया और इन भर्तियों को आगे बढ़ाने का हक दिया।

भर्ती की शर्तों में बदलाव

हाईकोर्ट को बताया गया कि पंजाब सरकार ने सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए एक विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन के अनुसार, अनुबंध शिक्षक के रूप में अनुभव के लिए अधिकतम पांच अंक देने का प्रावधान था। लेकिन बाद में, पंजाब सरकार ने इसे बदलकर नियम बना दिया कि केवल पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे कॉलेजों में काम करने वाले शिक्षकों को ही अनुभव अंक का लाभ मिलेगा।

याचिकाकर्ता ने कहा कि जब एक बार विज्ञापन जारी कर दिया गया, तो भर्ती की शर्तों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में, इस प्रावधान को खारिज किया जाना चाहिए। इस पर, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने इस भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी किया। इसके बाद, इसे डिविजन बेंच के समक्ष चुनौती दी गई, जिसने एकल पीठ के आदेश को स्थगित कर दिया और भर्ती प्रक्रिया पर स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

भर्ती प्रक्रिया की महत्ता

यह फैसला पंजाब सरकार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में शिक्षकों की कमी से शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत ढांचा स्थापित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों की आवश्यकता है। इस निर्णय से न केवल उन 484 आवेदकों को राहत मिलेगी, जो नियुक्ति के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत भी है।

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उम्मीदवारों की उम्मीदें

अब, जिन उम्मीदवारों को पदस्थापना का इंतजार है, उनके लिए यह एक नई उम्मीद का अवसर है। सभी चयनित उम्मीदवारों ने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद यह अवसर प्राप्त किया है। उनके लिए यह भर्ती केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि यह उनके करियर की दिशा को भी निर्धारित करेगी।

भविष्य की योजनाएँ

अब जब हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दे दी है, तो सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द शेष उम्मीदवारों के लिए पदस्थापना की प्रक्रिया पूरी करे। इसके साथ ही, शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

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